रोबोटिक दुनिया में अनुसंधान लगातार जारी हैं और अब ऐसे रोबोट बन रहे हैं जो काफी हद तक इंसानों के समकक्ष कार्य कर सकते हैं. इसलिए वैज्ञानिक और इंजीनियर अब अगले स्तर पर जा रहे हैं जहाँ रोबोट भावनाएँ भी व्यक्त करेंगे और भावनाओं को समझेंगे भी. प्रस्तुत है 7 शानदार ह्युमनोइड रोबोट की सूचि जो आजकल चर्चा में हैं. इस सूचि में होंडा का प्रसिद्ध रोबोट आसिमो शामिल नहीं है -
Reem-A
स्पैन की पाल टेक्नोलोजी रोबोटिक्स ने यह शानदार रोबोट बनाया है. रीम-ए आगे पीछे चल सकता है, वजन उठा सकता है और शतरंज भी खेल सकता है. परंतु इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी चेहरा पहचानने की क्षमता. तो भूल जाइए कि आप कोई निर्देश देंगे और रीम-ए मान लेगा, क्योंकि यह सिर्फ अपने मालिक की सुनता है.
Nexi
प्रसिद्ध संस्थान एमआईटी द्वारा विकसित यह रोबोट मोबाइल-क्लेवर-केरिंग तकनीक पर काम करता है. यह रोबोट पहिओं पर चलता है और कई काम कर सकता है. इसमें थ्रीडी इंफ्रारेड कैमेरा है जो इसे चेहरों और चीजों की पहचान करने लायक बनाता है. इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी भावनाएँ व्यक्त करने की क्षमता. इससे बात कीजिए और यह मुस्कुराएगा, उदास होगा और अपनी भौएँ भी ऊपर नीचे करेगा. इसको विकसित करने वाली टीम का मानना है कि एकदिन नेक्सी इंसानों के साथ एक टीम की तरह काम करेगा.
Joe & Co
जर्मनी की म्यूनिख टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित जो श्रेणी के रोबोट शानदार रोबोटिक इंजीनियरिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. इस श्रेणी के रोबोट बनाने के पीछे का मूल उद्देश्य था इंसानों की पूरी तरह से नकल करना. तभी तो जॉनी नामक रोबोट, जिसको 2003 में बनाया गया था, एक वयस्क इंसान के जितना लम्बा है और 2.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. परंतु उसकी बहन लोला उससे भी अधिक निपुण है. वह 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और जॉनी के 17 जोडों की विपरित लोला के पास 25 जोड़ हैं जो उसे इंसानों के और करीब लाते हैं.
CB2

जापान की एजेंसी फोर साइंस एंड टेक्नोलोजी ने यह रोबोट बनाया है. सीबी2 का अर्थ है – Child Robot with Biomimetic Body, यानी की एक बच्चा रोबोट जिसके पास ऐसा शरीर है जो भावनाएँ व्यक्त कर सकता है. सीबी2 में 197 अत्यधिक सवेंदनशील सेंसर लगाए गए हैं. इसकी त्वचा मुलायम है उसमें टच सेंसर लगे हैं. इसके अलावा सीबी2 में 56 छोटी मोटरें भी लगी है. यह रोबोट 1 से 3 वर्ष के बच्चे की तरह काम करता है. इसके छूते ही यह अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगता है.
Ishiguro

जापान की इंटेलिजेंट रोबोटिक्स लेब ने इशिगुरो परिवार के रोबोट बनाए हैं. इस श्रेणी के अंतर्गत कई एडवांस रोबोट बनाए गए हैं जैसे कि वाकामारू और एवेली-पी1. ये रोबोट ना केवल ह्यूमनोइड [इंसानों की तरह चलते फिरते] बल्कि एंड्रोइड [इंसानों की तरह व्यवहार करने वाले] श्रेणी में भी आते हैं. ये रोबोट रोजमर्रा के कामकाज में इंसानों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं.
Armar-3

जर्मनी के इंस्टिट्यूट फोर टेक्निकल इंफोर्मेटिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ कार्लशु के द्वारा बनाया गया यह रोबोट रसोई में आपकी मदद करता है. यह रोबोट स्टीरियो मोड में आपकी आवाज से निर्देश प्राप्त कर सकता है. लेजर बीम द्वारा चिह्नित की गई किसी चीज को उठाकर ला सकता है और अब इसे टेबल पर शराब और खाना परोसने लायक बनाया जा रहा है. इंजीनियर इससे एक कदम आगे की सोचते हुए इसमें रिमोट डायग्नोस्टिक सुविधा भी जोड रहे हैं ताकी भविष्य में यदि यह रोबोट अपनी मनमानी पर उतर आए तो इसे रोका जा सके.
Zoe Ren Ti 2

इस रोबोट का व्यवसायिक उपयोग नहीं होगा, इसे इस लायक बनाया भी नहीं गया है. परंतु फिर भी यह रोबोट चर्चा में है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बिल्कुल अपने मालिक के जैसा बनाया गया है. चीन की ज़ियान कोरेन स्कल्पचर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने यह रोबोट बनाया है जो हंस सकता है, चेहरा घुमा सकता है और हाथ मिला सकता है. चीन के इस प्रसिद्ध संस्थान ने इस रोबोट को बनाने के लिए विशेष सिलिका जेल का इस्तेमाल किया है ताकी इसकी चमड़ी बिल्कुल इंसानों जैसी लगे. यह बिल्कुल अपने मालिक जो रेन टी की प्रतिकृति है. पहचानिए असली कौन है और नकली कौन!
Reem-A
स्पैन की पाल टेक्नोलोजी रोबोटिक्स ने यह शानदार रोबोट बनाया है. रीम-ए आगे पीछे चल सकता है, वजन उठा सकता है और शतरंज भी खेल सकता है. परंतु इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी चेहरा पहचानने की क्षमता. तो भूल जाइए कि आप कोई निर्देश देंगे और रीम-ए मान लेगा, क्योंकि यह सिर्फ अपने मालिक की सुनता है.
Nexi
प्रसिद्ध संस्थान एमआईटी द्वारा विकसित यह रोबोट मोबाइल-क्लेवर-केरिंग तकनीक पर काम करता है. यह रोबोट पहिओं पर चलता है और कई काम कर सकता है. इसमें थ्रीडी इंफ्रारेड कैमेरा है जो इसे चेहरों और चीजों की पहचान करने लायक बनाता है. इसकी सबसे बडी विशेषता है इसकी भावनाएँ व्यक्त करने की क्षमता. इससे बात कीजिए और यह मुस्कुराएगा, उदास होगा और अपनी भौएँ भी ऊपर नीचे करेगा. इसको विकसित करने वाली टीम का मानना है कि एकदिन नेक्सी इंसानों के साथ एक टीम की तरह काम करेगा.
Joe & Co
जर्मनी की म्यूनिख टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित जो श्रेणी के रोबोट शानदार रोबोटिक इंजीनियरिंग का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं. इस श्रेणी के रोबोट बनाने के पीछे का मूल उद्देश्य था इंसानों की पूरी तरह से नकल करना. तभी तो जॉनी नामक रोबोट, जिसको 2003 में बनाया गया था, एक वयस्क इंसान के जितना लम्बा है और 2.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. परंतु उसकी बहन लोला उससे भी अधिक निपुण है. वह 5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकती है और जॉनी के 17 जोडों की विपरित लोला के पास 25 जोड़ हैं जो उसे इंसानों के और करीब लाते हैं.
CB2
जापान की एजेंसी फोर साइंस एंड टेक्नोलोजी ने यह रोबोट बनाया है. सीबी2 का अर्थ है – Child Robot with Biomimetic Body, यानी की एक बच्चा रोबोट जिसके पास ऐसा शरीर है जो भावनाएँ व्यक्त कर सकता है. सीबी2 में 197 अत्यधिक सवेंदनशील सेंसर लगाए गए हैं. इसकी त्वचा मुलायम है उसमें टच सेंसर लगे हैं. इसके अलावा सीबी2 में 56 छोटी मोटरें भी लगी है. यह रोबोट 1 से 3 वर्ष के बच्चे की तरह काम करता है. इसके छूते ही यह अपनी भावनाएँ व्यक्त करने लगता है.
Ishiguro
जापान की इंटेलिजेंट रोबोटिक्स लेब ने इशिगुरो परिवार के रोबोट बनाए हैं. इस श्रेणी के अंतर्गत कई एडवांस रोबोट बनाए गए हैं जैसे कि वाकामारू और एवेली-पी1. ये रोबोट ना केवल ह्यूमनोइड [इंसानों की तरह चलते फिरते] बल्कि एंड्रोइड [इंसानों की तरह व्यवहार करने वाले] श्रेणी में भी आते हैं. ये रोबोट रोजमर्रा के कामकाज में इंसानों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं.
Armar-3
जर्मनी के इंस्टिट्यूट फोर टेक्निकल इंफोर्मेटिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ कार्लशु के द्वारा बनाया गया यह रोबोट रसोई में आपकी मदद करता है. यह रोबोट स्टीरियो मोड में आपकी आवाज से निर्देश प्राप्त कर सकता है. लेजर बीम द्वारा चिह्नित की गई किसी चीज को उठाकर ला सकता है और अब इसे टेबल पर शराब और खाना परोसने लायक बनाया जा रहा है. इंजीनियर इससे एक कदम आगे की सोचते हुए इसमें रिमोट डायग्नोस्टिक सुविधा भी जोड रहे हैं ताकी भविष्य में यदि यह रोबोट अपनी मनमानी पर उतर आए तो इसे रोका जा सके.
Zoe Ren Ti 2
इस रोबोट का व्यवसायिक उपयोग नहीं होगा, इसे इस लायक बनाया भी नहीं गया है. परंतु फिर भी यह रोबोट चर्चा में है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बिल्कुल अपने मालिक के जैसा बनाया गया है. चीन की ज़ियान कोरेन स्कल्पचर रिसर्च इंस्टिट्यूट ने यह रोबोट बनाया है जो हंस सकता है, चेहरा घुमा सकता है और हाथ मिला सकता है. चीन के इस प्रसिद्ध संस्थान ने इस रोबोट को बनाने के लिए विशेष सिलिका जेल का इस्तेमाल किया है ताकी इसकी चमड़ी बिल्कुल इंसानों जैसी लगे. यह बिल्कुल अपने मालिक जो रेन टी की प्रतिकृति है. पहचानिए असली कौन है और नकली कौन!
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