Monday, 28 February 2011

अस्सी साल की नानी फिर बनी ‘मां’

मेरठ. सात बेटियों के बीच इकलौते बेटे को पिछले साल एक दुर्घटना में गंवा देने वाली 80 वर्ष की एक महिला ने आधुनिक चिकितसा पद्धति के इस्तेमाल से एक स्वस्थ पुत्न को जन्म देकर करिश्मा ही कर दिखाया है। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के दोघट कस्बा निवासी इंद्रपाल की पत्नी गजना ने कल यहां के एक अस्पताल में जैसे ही एक स्वस्थ पुत्न को जन्म दिया, पूरा परिवार ही खुशी के समंदर में गोते लगाने लगा।

आखिर हो भी क्यों नहीं, इस परिवार को उसका वारिस जो मिल गया था। वो भी उस समय जब हरेक वृद्ध दम्पती अपनी जिंदगी की सांझ ढलने का इंतजार कर रहा होता है। लेकिन पिछले साल इंद्रपाल और गजना पर दुख का पहाड़ ही टूट पड़ा। जब सात बेटियों के बीच उनके इकलौते बेटे प्रवीण की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी।

इस दम्पती की तो 18 साल के प्रवीण की मौत के साथ पूरी दुनिया ही उजड़ गई। दुख इतना गहरा था कि प्रवीण की मौत के बाद से इस परिवार में कोई त्योहार ही नहीं मनाया गया। मगर इंद्रपाल को जब टेस्ट टच्यूब के जरिए बच्च पैदा करने की संभावना के बारे में पता चला तो उसे उम्मीद की एक आखिरी किरण दिखायी दी।

तत्काल ही वह विशेषज्ञ चिकित्सकों से जाकर मिला और आईवीएफ पद्धति के जरिए पत्नी को गर्भधारण कराने की विनती की। डाक्टरों ने इस दम्पती की मदद करने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी और इसका नतीजा यह निकला कि 60 साल की सबसे बड़ी बेटी की मां गजना गर्भधारण करने में सफल रहीं।

मंगलवार को इस दम्पती के इंतजार की घड़ियां समाप्त हुईं और एक बेटे ने उनकी सूनी हो चुकी जिंदगी में फिर से बहार ला दी। वृद्ध मां अपने नवजात बेटे को देखकर काफी खुश है। खुशी तो इंद्रपाल की भी कम नहीं है, आखिर उन्हें मनचाही मुराद जो मिल गयी।

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