Monday 28 February 2011

7 महान अविष्कार 20वीं सदी के

इस शृंखला की पिछली कडी मे हमने बात की थी 19वीं सदी के 7 महान अविष्कारों की. इस बार हम बात कर रहे हैं 20वीं सदी के उन महान अविष्कारों की जो आज हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं. हालाँकि 20वीं सदी में कई बडी खोजें हुई और उनमें से मात्र 7 अविष्कार छाँटना काफी मुश्किल काम रहा -
व्यक्तिगत कम्प्यूटर
क्या आज कम्प्यूटर के बिना की दुनिया सोच सकते हैं? आज यह लेख भी अपने पीसी पर ही पढ रहे होंगे. कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं. कम्प्यूटर का उपयोग यूँ तो द्वितीय विश्वयुद्ध के समय से ही शुरू हो गया था परंतु तब तक “पीसी” नहीं बने थे. परंतु 1976 में स्टीव वोज़िनिएक और स्टीफन जॉब्स से अपने घर के गैराज में एक कम्प्यूटर सिस्टम बनाया जो भविष्य में दुनिया भर में छा जाने वाला था – “एपल“. आज सोचिए पर्सनल कम्प्यूटर हमारे लिए कितने काम करता है. लाखों करोडों लोगों का रोजगार भी इन पर निर्भर है.
परमाणु ऊर्जा 
 वाष्प ऊर्जा ने जो काम 19वीं सदी में किया वही काम परमाणु ऊर्जा ने 20वीं सदी में किया. इस तकनीक ने दुनिया बदल दी और ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भाग निभाया और भारत जैसे देश के लिए तो यह आज समय की मांग बन चुकी है. परमाणु ऊर्जा जो प्रदुषण नहीं फैलाती, काफी सक्षम है और जिसकी सम्भावनाएँ अनंत है. बस जरूरत यह है कि इसका उपयोग सही तरीके से किया जाए. क्योंकि जरा सी चूक से इस पावर प्लांट के आसपास का पूरा इलाका रेडियो एक्टिव हो सकता है और यह जीवसृष्टि के लिए खतरनाक है. 1986 में रूस के शेरनोबिल की दुखद घटना को कौन भूल सकता है.
 टेलीविजन
 500 से अधिक चैनल. बात भारत की हो रही है. भारत में टीवी चैनल इतनी तेजी से बढ रहे हैं कि अब बैंडविथ की समस्या आने लगी है क्योंकि उपग्रहों के ट्रांसपोंडर कम पड रहे हैं परंतु नए टीवी चैनल लाने का क्रम कम नही हो रहा. आज लगभग हर घर में और कुछ हो ना हो टीवी जरूर होता है. टीवी पर आज पढाई की जाती है, मनोरंजन प्राप्त किया जाता है, खेल देखे जाते हैं, समाचार सुने जाते हैं, खरीददारी की जाती है, खेल खेले जाते हैं और अभी यह क्रांति काफी आगे जानी है. टीवी के बिना घर “घर” नहीं.
 हवाई जहाज
19वीं सदी में लोकोमोटिव के अविष्कार ने दुनिया छोटी की और 20वीं सदी में हवाई जहाज के अविष्कार ने तो दुनिया को गाँव ही बना दिया. अब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान तेजी से पहुँच रहे हैं. और सिर्फ यही कैसे माना जाना चाहिए कि हवाई जहाज यानी नागरिक उड्डयन. इसके अन्य कई लाभ भी तो हैं – फसल पर छिडकाव, जंगलों मे आग लगने पर पानी से छिडकाव, चिट्ठियाँ और सामान पहुँचाना, युद्ध के समय काम आना, जासूसी करना… राईट बंधुओं को धन्यवाद.
रॉकेट विज्ञान
ऐसा तो नहीं कह सकते कि रॉकेट का अविष्कार 20वीं सदी में हुआ क्योंकि आज से 3000 वर्ष पहले चीन में रॉकेट बनाए जाने लगे थे और ग्रीक, रोमन तथा कुछ भारतीय राजाओं ने भी रॉकेट का इस्तेमाल किया था. परंतु तब रॉकेट मात्र डराने के लिए बने थे, वे छोटे थे और कम उपयोगी. असली बदलाव 20वीं सदी में आया. रॉकेट विज्ञान ने तेजी से प्रगति की और एक तरफ जहाँ मिसाइलें बनी तो दूसरी तरफ उपग्रह छोडने के लिए उपयोगी रॉकेट भी बने. यदि रॉकेट नहीं होते तो उपग्रह भी नहीं छोडे जाते, तो फिर ना तो जीपीएस सिस्टम होता, ना मौसम की जानकारी मिलती और ना ही सस्ते कॉल्स होते.
इंटरनेट
इंटरनेट नहीं होता तो अभी आप जो पढ रहे हैं वह सम्भव नहीं होता. कम्प्यूटर तो उपयोगी था ही परंतु इंटरनेट ने कम्प्यूटर दुनिया को बदल कर रख दिया. आज सोचिए इंटरनेट की मदद से दुनिया कितनी छोटी हो गई है (और सस्ती भी). अधिक गहराई तक ना भी सोचें तो भी यह तो हम सब जानते हैं कि इंटरनेट की मदद से आज दूर दूर बैठे लोग एक दूसरे से बात करते हैं और तस्वीरें देखते हैं और एक दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं. इंटरनेट के बिना आज की दुनिया की कल्पना करना मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन है. इंटरनेट नहीं तो कुछ नहीं.
रेडियो
 यदि आप सहमत ना हों तो सोचिए आज भारत में कितने हेम रेडियो स्टेशन हैं जो दूर दराज के छोटे गावों तक महत्वपूर्ण जानकारियाँ और मनोरंजन का माध्यम पहुँचा रहे हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के समय रेडियो परिवार का केन्द्र हुआ करता था. तब रेडियो का वही महत्व था जो आज टीवी का है [राजेश खन्ना पर फिल्माया गया - आते जाते खूबसुरत आवारा रास्तों पे.. गाना याद कीजिए]. आज एफएम क्रांति ने रेडियो को फिर से नया जीवनदान दिया है. और फिर कार में तो अमूमन वही बजता है ना.

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