Monday 28 February 2011

गरीबों को बुला कर कमरे में बंद हो गया सानिया का परिवार

हैदराबाद. पाकिस्‍तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी कर दुबई में बस चुकीं हैदराबादी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा खेल से इतर कारणों से एक बार फिर खबरों में हैं। उनका परिवार हर साल रमजान के महीने में जकात (दान) देता है। इस साल भी इस परंपरा का निर्वाह किया जाना था, लेकिन जरूरतमंदों के आने पर सानिया और उनके परिवार ने मुंह फेर लिया।


जकात मुसलमानों में एक धार्मिक रिवाज है, जिसके तहत रमजान के महीने में गरीबों को अपनी कमाई का कुछ हिस्‍सा दान दिया जाता है। इस्‍लाम के विद्वान अयूब अली खान के मुताबिक, ‘इस्‍लामिक रवायत के मुताबिक अच्‍छी कमाई करने वाले मुसलमान को अपनी सालाना आमदनी का ढाई फीसदी गरीबों को दान करना चाहिए। वैसे तो यह दान कभी भी किया जा सकता है, लेकिन ज्‍यादातर लोग रमजान में दान देना मुनासिब समझते हैं।’



मिर्जा परिवार हर साल रमजान के पवित्र महीने में दान देता है। पिछले साल सानिया के माता-पिता इमरान और नसीमा मिर्जा ने हर व्‍यक्ति को 200-200 रुपये दिए थे। इस बार दोगुनी रकम देने का इरादा था, लेकिन अफवाह फैल गई कि हजार-हजार रुपये दिए जाएंगे। इसलिए दान लेने वालों की तादाद बढ़ती ही गई और सोमवार दोपहर तक करीब 3000 लोग बंगले के बाहर जमा हो गए। परिवार ने 300 लोगों को 300-300 रुपये दिए और इसके बाद दरवाजे बंद कर लिए। काफी देर तक परिवार को कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकला, तो लोगों ने हंगामा कर दिया। इसके बाद मिर्जा परिवार ने पुलिस बुला ली।


लोग दान की उम्मीद में काफी दूर-दूर से आए थे। ऐसे ही एक व्यक्ति राशिद ने कहा कि मैंने यहां आने में ही 300 रुपए खर्च कर दिए। मुझे पता चला था कि सानिया मिर्जा सभी को हजार हजार रुपए देंगीं। लेकिन यहां तो कोई बाहर ही नहीं निकला बल्कि परिवार के कुछ लोग तो बालकनी में खड़े होकर हंस रहे थे। इससे हैदराबाद का मुस्लिम समाज सानिया और उनके परिवार से नाराज है।

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